सिरहाना ख़ाली मुझे याद तेरी आ रही है, भूख मर चुकी फिक्र तेरी खा रही है
किसी की नफरत का बहाना बन गया हूं, किसी की हसीं का सहारा बन गया हूं, टूटने पर उनकी ख्वाहिश होगी पूरी, सही कह्ते है मैं सितारा बन गया हूं
तेरी गली में और तेरी जिंदगी में दिन आखिरी है मेरा, आज के बाद कभी चेहरा तुझे दिखना नही मेरा मैं प्यार का तासीर और तू वफा की प्यासी, गलती तेरी नही गलती तो मैरी है क्योंकि तू नही मैं तुझे प्यार करता था
ये जो हम हस्ते है ना ये हमारा हुनर है, हकीकत नही
आंखों में समुद्र दिलों में आग लिख दूँगा , तुम तूफान लेकर आना मैं चिराग रख दूँगा, मेरे पर काट के भी तुम्हें कोई फायदा नही होगा, मैं ज़मीन पर भी बैठा तो आसमान लिख दूँगा
रुसवा तो मैं तुझे भी कर दूं पर बाकी मुझमें लिहाज है, सारा शहर मेरा मुरीद बस तेरा मुहल्ला मेरे खिलाफ है
अकेलापन मुझे मेरा घर लगता है, नींद आती नही रातों को मुझे अब सोने मे भी डर लगता है, इतने टुकड़े हुए हैं मेरे दिल के अब मौत से ज्यादा मोहब्बत से डर लगता है
मोहब्बत सीखा कर जुदा हो गया, ना सोच ना समजा ख़फ़ा हो गया, दुनिया मे किसे हम अपना कहे, जो अपना था वहीं बेवफा हो गया.
दिल से मरते थे हम उन पर और वो हमे मरने के लिए छोड़ गए
Mere muskarane ki wajay wo h Aur ab rulane ki wajay bhi wahi h
हमने उनकी पसंद को अपनी मनपसंद बना ली, जिस चीज़ से उन्हें नफरत थी हमने उस चीज़ को अपनी जिंदगी से हटा ली, फिर भी उन्हें हमारी वफाई रास नही आयी जो अपनी बेवफाई हम पर थोप डाली
इतना चाहने पर तो खुदा भी मेरा हो जाता, मग़र वो शख्स मेरा न हो सका
बड़ा मासूम लगता था वो शख्स, मग़र मासूम था नही
Hum phool hai gulab ke Chameli ka naa samjho, Hum aashiq hai tumhare Apni saheli ka naa samjho By:-#AshuTosh_ChouDhary
मैंने सीखा ही नहीं बदला लेना जिसने भी दिल दुखाया मैं उससे ख़ुशी -ख़ुशी दूर हो गया |||
geeta is offline
Francnut is offline
SailipNuh is offline
Raja is offline
sasank shekhar is offline
AlbertMus is offline
boilaLob is offline
neha is offline
Ramakant is offline
guddu is offline
Robertkap is offline
Ghekap is offline
Gezduabs is offline
R is offline
Prem kumar is offline
Please Login or Sign Up to write your book.