कदर करनी है, तो जीतेजी करो, अरथी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है………..!!!
होते हैं शायद नफरत में ही पाकींजा रिश्तें, वरना अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते हैं….!!!
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां, जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां, जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी, जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां.......!!!
देख के हमको वो सर झुकाते हैं, बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं, नफरत हैं तो कह देते हमसे, गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं.......!!!
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए, कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…...!!!
वो जो हमसे नफरत करते हैं, हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं, नफरत है तो क्या हुआ यारो, कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं...........!!!
जब से पता चला है, की मरने का नाम है "जींदगी", तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं.........!!!
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है... ऐ सनम, किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी......!!!
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं, वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.....!!!
दिखावे की मुहब्बत से बेहतर है नफरत ही करो हमसे, हम सच्चे जज्बातो की बड़ी कदर किया करते हैं……!!!
इसी लिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है, शरारतें करते हैं, साजिशें तो नहीं करते…....!!!
लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है, नफरत ही सही, पर वह मुझे सोचता तो है…...!!!
उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से, अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…....!!!
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा….....!!!
हाथ में खंजर ही नहीं आंखोमे पानी भी चाहिए, ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए........!!!
Nikhil is offline
Clezeriplover is offline
susheel is offline
Pradip is offline
Safiya is offline
Arshad is offline
L G is offline
kamalakar is offline
Caseycen is offline
Harpaul is offline
Rajkumar is offline
Ranvir is offline
Seewhieft is offline
Kuravals is offline
Chintu is offline
Please Login or Sign Up to write your book.