दिल रोज सजता है नादान दुल्हन की तरह... "गम" रोज चले आते हैं बाराती की तरह...
संवर रही है आज वो किसी और के लिए, पर मैं बिखरा हूँ आज भी सिर्फ उसी के लिए!
कट रही है जिंदगी, रोते हुए.. और वो भी तुम्हारे, होते हुए..!
Jaana tha to chale jaate u kyu majhdhaar me chhod diya... Ab to na jeete ji jeete hain aur na hi khush reh paate hain..
Ae zindagi tujhe chahaa tha humne... E zindagi tujhe jeena chahaa tha humne... kya maanga tha kya mila humein... Yu is qadar door to na rehna chaaha tha humne...
मेरी ये अदा दुनिया को रास नहीं आई दिल तो टूटा है पर आवाज़ नहीं आई..
सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की, उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने की…
कास हम तेरे करीब आए न होते । दिल में दर्द जगाए न होते। कुछ दिन और जी लेते अगर हम ने आस्तीन में साँप बसाए न होते।
कभी दिल कभी शम्मा को जला के रोए, तेरी याद को दिल से लगा के रोए, रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी, चाँद को तेरी तसवीर बना के रोए!!
कितने दूर चले जाते हैं वो लोग, जिन्हें हम जिंदगी समझकर कभी खोना नहीं चाहते....
टूट गया दिल पर अरमां वही है, दूर रहता हूं फिर भी प्यार वही है.. जानता हूं कि मिल नहीं पाऊंगा, फिर भी इन आंखों में प्यार वही है!!
Bahut Chupha kar rakha tha! Ye Teri mohbbat ka Raj sabse!! Teri yaad aate hi ye ask! Sab byaan Ker dete hai.....!!
दर्द देने का अंदाज कुछ ऐसा है, दर्द देकर कहते हैं हाल कैसा है... जहर देकर कहते हैं अब पीना होगा, जब पी लिया तो कहते हैं अब जीना होगा!!
Tere naam se shuru hua ye safar, Tujh pe hi thahar gaya..! Yaadein bhi teri, dard bhi tera, har pamha tujh pe thahar gaya..!
याद आएगी हर रोज मगर तुझे आवाज ना दूंगा, लिखूंगा तेरे लिए हर गजल मगर तेरा नाम ना लूंगा!!
S M is offline
Suresh is offline
Prince is offline
Shiv is offline
Nira is offline
Ankur is offline
Amaan is offline
Aadil is offline
FIROJ is offline
Anchal is offline
ram is offline
Poonam is offline
Syed is offline
jp is offline
Muhammad asif is offline
Please Login or Sign Up to write your book.