बेठे है चैन से कहीं जाना तो है नही, हम बेघरों का कोई ठिकाना तो है नही, वो जो हमे पसंद है कैसा है, क्यों पूछते हो, हमे बताना तो है नही
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंख मारने से नहीं चुकती इसलिए होंशियार रहें, बहुत मीठा बोलने वाले भी 'हनी' नहीं 'हानि' दे सकते है..........!!!
आदमी कभी भी इतना झूठा नहीं होता, अगर औरतें इतने सवाल न करती…......!!!
लगी है मेहंदी पावँ में क्या घूमोगे गावं मे, असर धूप का क्या जाने जो रहते है छावं मे…...!!!
गरीबी आदमियों के कपडे उतार लेती है, और अमीरी औरतों के……!!!
लोग रोज नसें काटते हैं, प्यार साबित करने के लिये, पर कोई, सूई भी नही चुभने देता, "रक्तदान" करने के लिये…......!!!
समुन्दर से कह दो, अपनी लहरों को समेट के रखे, ज़िन्दगी में तूफान लाने के लिए, घरवाली ही काफी है….!!!
किसी से दिल लगाने से अच्छा है, घर में झाड़ु पोछा लगा लो, कम से कम मम्मी तो खुश हो जाएँगी.........!!!
दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझको, बस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए........!!!
परेशान पति का कोई मज़हब नहीं होता, वो मन्दिर भी जाता है और मस्जिद भी.........!!!
किस किस का नाम लें, अपनी बरबादी में, बहुत लोग आये थे दुआए देने शादी में.......!!!
जिस तरह से पेड़ काटे जा रहे हैं, वो दिन ज्यादा दूर नही जब, 'हरियाली' के नाम पर सिर्फ 'लड़कियां' रह जायेगीं.........!!!
कैसे मुमकिन था किसी डॉक्टर से इलाज करना अरे दोस्त…. इश्क का रोग था… मम्मी के चप्पल से ही आराम आया…...!!!
চিকচিক করে বালি কোথাও নেই কাদা ফেসবুকে ঢুকে দেখি কালো মেয়ে সাদা
चले जा रहे है बस कोई ठिकाना तो है नहीं| क्यों पूछते हो बार बार हमे बताना तो है नहीं||
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