ए मेरी कलम इतना सा अहसान कर दे कह ना पाई जो जुबान वो बयान कर दे।
उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में, पर खुश रहने का मज़ा आपके ही साथ है।
खुशनसीब कुछ ऐसे हो जाये, तुम हो हम हो और इश्क हो जाये।
जो उनकी आँखों से बयां होते हैं, वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।
वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी, वो शख्श आज मुझको गैर कह के चला गया।
दीवाना उस ने कर दिया एक बार देख कर, हम कर सके न कुछ भी लगातार देख कर।
कश्ती के मुसाफिर ने समन्दर नहीं देखा, आँखों को देखा पर दिल मे उतर कर नहीं देखा, पत्थर समझते है मेरे चाहने वाले मुझे, हम तो मोम है किसी ने छूकर नहीं देखा।
कर देता बर्बाद, छीन कर खुशियाँ सारी छोड़े ले कर जान, इश्क है वह बीमारी
इज़हारे मुहब्बत पे अजब हाल है... आँखें तो रज़ामंद हैं, लब सोच रहे हैं
मेरी तो सुनता ही नही ऐ दिल तूं पर.... इनकी तो सुन ले .... ।
हवा चुरा कर ले गयी थी मेरी गजलों की किताब ! देखो, आसमां पढ़ के रो रहा हैं , और नासमझ जमाना खुश हैं कि बारिश हो रही हैं !!
न जाने क्या कशिश है उस की मदहोश आँखों में , नज़र अंदाज़ जितना करो, नज़र उसपे ही पड़ती है...
कुछ खूबसूरत पल याद आते हैं, पलकों पर आँसु छोड जाते हैं, कल कोई और मिले हमें न भुलना क्योंकि कुछ रिश्ते जिन्दगी भर याद आते हैं|
वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र। कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है!!
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सका.. जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल डाली
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