रिश्ते उन्ही से बनाओ जो निभानेकी औकात रखते हो, बाकी हरेक दिल काबिल-ऐ-वफा नही होता ।
बहुत देर करदी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में..! वो दिल नीलाम हो गया, जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी..!
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह.. फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना.??
अफ़सोस होता है उस पल जब अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है.. ख्वाब हम देखते है.. और हक़ीक़त कोई और बना लेता है.
दर्द हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में… और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता…
कुछ उनकी मजबूरियाँ, कुछ मेरी कश्मकश। बस यूँ ही, एक ख़ूबसूरत कहानी को खत्म कर दिया हमने।
किस किस से वफ़ा के वादे कर रखे हैं तूने ??? हर रोज़ एक नया शख्स मुझसे तेरा नाम पूछता है
मेरा दिल दीवाना है
बस इतना ही चाहिये तुजसे ऐ जिंदगी … कि जम़ीन पर बैठूँ तो लोग उसे मेरा बडप्पन कहें, औकात नहीं …
निगाहों में मंज़िल थी… गिरे और गिर कर संभलते रहे… हवाओं ने तो बहुत कोशिश की… मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे
swami sukh ka samwaad kabhi , dukh ka karad ban jata hain , Meethi boli kai karad he, tota Pinjre me aata hain,
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का, बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम.
लुट लेते है अपने ही वरना, गैरों को कहां पता इस दील की दीवार कहां से कमजोर है.
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया.
क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब, ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने.
PUNIT is offline
{Ar.k}® is offline
utsab is offline
Vikas is offline
Sudhanshu is offline
sanjeev kumar is offline
Ayesha is offline
Dilip is offline
nayan is offline
Ashok is offline
varun is offline
Sujeet is offline
Shankar is offline
Prashant is offline
Austindix is offline
Please Login or Sign Up to write your book.