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शक का कोई ईलाज नहीं होता, जो यकीं करता है कभी नराज नहीं होता, वो पूछते है हमसे कितना प्यार करते हो, उन्हे क्या पता मोहब्बत का हिसाब नहीं होता..|

वो बात करते हैं हमसे दूर जाने की हम कोशिश करते हैं उन्हें अपना बनाना की हर घडी इच्छा रहती है उन्हें बुलाने की फिर वो क्यों कोशिश करते हैं हमे रुलाने की।

जीवन* में आपसे *कौन मिलेगा,* ये *समय* तय करेगा. *जीवन* में आप *किस से मिलेंगे,* ये आपका *दिल* तय करेगा *_परंतु_* *जीवन* में आप किस-किस के *दिल* में बने रहेंगे, यह आपका *व्यवहार* तय करेगा.

सब के दिलों का* *एहसास अलग होता है …* *इस दुनिया में सब का* *व्यवहार अलग होता है …* *आँखें तो सब की* *एक जैसी ही होती है …* *पर सब का देखने का* *अंदाज़ अलग होता है …*

कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है, कोई कहता है प्यार सजा बन जाता है, पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है…

इस अदा का में किया जवाब दु आँखो में बसा तुम्हारे किया ख्वाब दु अच्छा सा फूल होता तो माली से मंगवता जो ख़ुद गुलाब है में उसे में किया गुलाब दु

कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते, हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते, अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा, बयां करते तो महफ़िल को रुला देते

हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला; हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला! अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी; हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!

वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी

गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती, सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती, मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त, प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती।

आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं, उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं, कोई निकाल न ले उन्हें पानी से.. इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।

काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते, जो कल था वही प्यार आज करते, हमें ग़म नहीं उनकी बेवफाई का, बस अरमां था कि... हम भी अपने प्यार पर नाज़ करते।

कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो, कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो, ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों, कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।

बेवफ़ाई का मुझे... जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं।

Bewafaon Ki Mahfil Lagegi Ai Dil-E-Jaana, Aaj Zara Waqt Par Aana Mehmaan-E-Khaas Ho Tum.