मुश्किल इतनी भी न थी राह अपनी मोहब्बत की यारों, अफ़सोस उनकी फितरत और नियत ही कुछ ऐसी थी..
आंखों को देखकर इंतजार का हुनर चला गया .. . चाहा था एक शख्स को ..... ना जाने किधर चला गया ...
नंदू- पापा मुझे डी जे खरीदकर दो। पापा- नहीं दूंगा तू लोगो को तंग करेगा। नंदू- नहीं पापा, मैं किसी को तंग नही करूँगा जब सब सो जायेंगे तब मैं बजाऊंगा।
साल दर साल वक्त निकलता जाता है ! कमबख्त दिल तो दिल है हर बार संभलता जाता है !! यूं तो बारह महीने फिर तेरी आरजू में कटे ! तू वो मौसम है जो हर बार बदलता जाता है !!
जिंदगी में बहुत कुछ सिखा डाला इस साल ने किसी से बिछड़े तो किसी से मिला डाला इस साल ने।। नई उम्मीदें जागीं कहीं ,कहीं खो गयीं ख्वाहिशें! मुझे तो क्या से क्या बना डाला इस साल ने ।
चाहत के वस्ल के उम्मीद-ओ-ऐतबार में ! ये साल भी गुज़र गया, तेरे इन्तेज़ार में !! Happy New Year!
महीने फिर वही होंगे,सुना है साल बदलेगा..! परिंदे फिर वही होंगे,शिकारी जाल बदलेगा...!! वही हाकिम,वही गुरबत,वही कातिल वही गाजिब..! न जाने कितने सालों में हमारा हाल बदलेगा...!!
नजरो का क्या कसुर जो दिल्लगी तुम से हो गई! तुम हो ही इतने प्यारे कि मुहब्बत तुमसे हो गई !
तेरे जिक्र के बिना कैसे, जिंदगी की कहानी लिखूँ.! तुझे इश्क लिखूँ, वफा लिखूँ. या अपनी जिन्दगानी लिखूँ..
खामोश हो जाता हूं कभी कभी सब कुछ सहकर, कुछ फैसले मैं ऊपर वाले पर भी छोड़ देता हूं..!!
मेरी हर शायरी कितनी भी उम्दा हो ,,, मगर अधूरी है तेरी तारीफ के बिना,,,
The good times of today, are the sad thoughts of tomorrow.
हवा चुरा ले गई थी मेरी गजलों की किताब, देखो आसमान पढ़ के रो रहा है, और नासमझ जमाना खुश है कि बारिश ही रही है ।।
Sochte the kisi ko nhi Btayenge apne Dil ki Baat.....magar tumhe dekhkr yeh kambakht zubaan Sab ugal diya krti thi....!!
दिसंबर बीत जाने से फ़र्क पड़ता नहीं मुझको! तेरा मेरा रिश्ता दिल का रिश्ता है उसे पुरानी साल नये साल से क्या लेना! Yashraj
Please Login or Sign Up to write your book.