Jai mata Di
उठ जाता हूं..भोर से पहले..सपने सुहाने नही आते.. अब मुझे स्कूल न जाने वाले..बहाने बनाने नही आते.. कभी पा लेते थे..घर से निकलते ही..मंजिल को.. अब मीलों सफर करके भी...ठिकाने नही आते.. मुंह चिढाती है..खाली जेब..महीने के आखिर में.. अब बचपन की तरह..गुल्लक में पैसे बचाने नही आते.. यूं तो रखते हैं..बहुत से लोग..पलको पर मुझे.. मगर बेमतलब बचपन की तरह गोदी उठाने नही आते.. माना कि..जिम्मेदारियों की..बेड़ियों में जकड़ा हूं.. क्यूं बचपन की तरह छुड़वाने..वो दोस्त पुराने नही आते.. बहला रहा हूं बस दिल को बच्चों की तरह.. मैं जानता हूं..फिर वापस बीते हुए जमाने नही आते..
ऐसा क्या लिखूँ कि तेरे दिल को तस्सली हो जाए, क्या ये बताना काफी नहीं कि मेरी ज़िन्दगी हो तुम। गुड नाईट !
आज कल सब कहते हैं मैं बुझा सा रहता हूँ, अगर जलता रहता तो कब का खाक हो जाता।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे, यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे ! वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का, और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे !!
Manusya apne Bhagya ka nirmata khud hota hai
तुम्हारे मुस्कुराने पे मैं हर दर्द भूल जाता हूँ ! मिले जो आंसू मुझे जमाने से मैं उनको पी जाता हूँ !! पता नहीं क्या बात हैं तेरे इस चेहरे में ! जिसे देखते ही अपना चेहरा भूल जाता हूँ !!
सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो, नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो, हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर, खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो।
खूबसूरती तेरी लोगो को दीवाना बनती हैं, धुप में मानो ठंडक दे जाती हैं, सलामत रहे तेरे होंठो पर हंसी, क्युकी ये हंसी ही तुझको चाँद की तरह खिला जाती हैं !!
आँखो की चमक पलकों की शान हो तुम, चेहरे की हँसी लबों की मुस्कान हो तुम, धड़कता है दिल बस तुम्हारी आरज़ू मे, फिर कैसे ना कहूँ मेरी जान हो तुम..
Log bewfa hain meri aadto se rutba km hi sehi pr lajbab rkhti hu!!!!
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