राह संघर्ष की जो चलता है, वो ही संसार को बदलता है। जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्य बनकर वही निकलता है।
भरोसा खुद पर रखो तो.. ताकत बन जाती है, और दूसरों पर रखो तो.. कमजोरी बन जाती है!!
खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं, ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
Kehne waalon ka kuch nahi jaata, Sehne waale kamaal karte hain, Kaun dhoonde jawaab dardon ke, Log toh bas sawaal karte hain.
Zindagi Mein Kabhi Kisi Ka Saath Nahi Chodna, Kyun Ki Kuch Pal Lagte Hai Rishte Banane Mein, Aur Kuch Pal Lagte Hai Rishte mitane Mein, Ek Pal Lagta Hai Kisi Ko Rulane Mein, Aur Zindagi Beet Jati Hai Kisi Ko Bhulaane Mein.
Sitaro se bhari is raat me, Jannat se bhi khoobsurat khwab apako aaye, Itani haseen ho aane wali subah ki, Mangane se pahale hi apaki har murad puri ho jaye. Good Night.
Udas Lamho ki na koi yad rakhana, tufaan me bhi wajud apna sanbhal kar rakhana, kisi ke zindagi ki khushi ho tum, yahi soch kar tum apna khayal rakhana.Udas Lamho ki na koi yad rakhana, tufaan me bhi wajud apna sanbhal kar rakhana, kisi ke zindagi ki khushi ho tum, yahi soch kar tum apna khayal rakhana.
कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया, मेरी तलाश का भी तो ज़रिया बदल गया! ना शक्ल ही बदली न ही बदला मेरा किरदार, बस लोगों के देखने का नज़रिया बदल गया! हम जिस दीए के दम पर बग़ावत पर उतर आए, सोहबत के अँधेरे में वो दीया बदल गया! ईमान अदब इल्म हया कुछ भी नही क़ायम, मत पूछिए इस दौर में क्या-क्या बदल गया!!!
लग जा गले के फिर ये, हसीं रात हो ना हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो ना हो हम को मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से जी भर के देख लीजिये, हमको करीब से फिर आप के नसीब में, ये बात हो ना हो शायद फिर इस… पास आईये के हम नहीं आयेंगे बार-बार बाहें गले में डाल के, हम रो लें जार-जार आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो ना हो
एक खामोश हलचल बनी जिन्दगी गहरा ठहरा जल बनी जिन्दगी तुम बिना जैसे महलों में बीता हुआ उर्मिला का कोई पल बनी जिन्दगी दृष्टि आकाश में आस का एक दिया तुम बुझती रही, मैं जलाता रहा
हिम्मत ए रौशनी बढ़ जाती है, हम चिरागों की इन हवाओं से, कोई तो जा के बता दे उस को, चैन बढता है बद्दुआओं से…
"आप की दुनिया के बेरंग अंधेरों के लिए रात भर जाग कर एक चाँद चुराया मैंने रंग धुंधले हैं तो इनका भी सबब मैं ही हूँ एक तस्वीर को इतना क्यूँ सजाया मैंने
गमों को आबरू अपनी खुशी को गम समझते हैं जिन्हें कोई नहीं समझा उन्हें वस हम समझते हैं कशिश जिन्दा है अपनी चाहतों में जानेजा क्योंकि हमें तुम कम समझती हो तुम्हें हम कम समझते हैं।
खुद को आसान कर रही हो ना, हम पे एहसान कर रही हो ना, नींद, सपने, सुकून उम्मीदें, कितना नुकसान कर रही हो ना, हमने समझा है प्यार, पर तुम तो जान पहचान कर रही हो ना..
"ठीक भी है कि तुम ख़ुदा हो मेरे और बस एक का ख़ुदा कब है मेरे होने ना होने का मतलब तुम्हारे वास्ते जुदा कब है.
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