बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
इश्क़ का रोग है...ये चेहरे के रंग बताता है.... जाने किस बात पर कोई...तन्हा ही हँसे जाता है.....!!
उम्र की राह में जज्बात बदल जाते है। वक़्त की आंधी में हालात बदल जाते है सोचता हूं काम कर-कर के रिकॉर्ड तोड़ दूं। कमबख्त सैलेरी देख के ख्यालात बदल जाते हैं
Dil Ka Sheesha Liye Ham Teri Talash Me Hain Tu Aa Ja Jara PatThar Hi Marne Ke Liye
Teri Nazar Me Jane Main Kaisa Banda Hun Aaina Tu Hi Hai Surat Niharne Ke Liye
Ye Dard Ka Bhanwar Dooba Na De Mujhko De Apna Hath Badha Apne Deewane Ke Liye
Kayi Jazbat Hain Tumko Batane Ke Liye Par Taraste Hain Teri Jhalak Pane Ke Liye
आखिर किसी मुकाम पर मेरे मंजिल का निशां होगा तेरी ऊंगली थामे बिना वहां तक चल नहीं पाएंगे
बरसात के मौसम में शराबें तो पी ली हमने क्या खबर थी भीगकर हम नशे में रह नहीं पाएंगे
ये करवटों के सिलसिले कभी खत्म हो न पाएंगे तेरे बिन हम दिलजले कभी चैन नहीं पाएंगे
किसी को ज्यादा सताया नहीँ करते, अपनोँ को युं ज्यादा आजमाया नही करते, चाहने वाले भी वक्त के लम्होँ की तरह होते है, बीत जाये तो फिर लौट के आया नहीँ करते।
वो शख्स भरी महफिल में भी मेरी तरह तन्हा है, उसे ना पीने का शौक है... ना पिलाने का।
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए।
कोई गम नही एक तेरी जुदाई के सिवा, मेरे हिस्से मे क्या आया तन्हाई के सिवा, मिलन की रातें मिली, यूँ तो बेशुमार, प्यार मे सबकुछ मिला शहनाई के सिवा..
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