Dard Bhari Shayari

"तू ही बता दे सिवा तेरे हम किधर जायें, तू दे दे साथ जो मेरा तो हम संवर जायें..! तुझे देखे बिना करार नही नजरों को, तुझे ही ढूढ़ती हर पल जहाँ नजर जायें..! मुझे दे दे ये इजाजत तुझी को देखें हम, मेरी नजरें जो छुएं हुस्न ये निखर जाये..! हमे पता है के हम बस तुम्ही पे मरते हैं, फिर भी ये लगता है के आज फिर से मर जायें..! हर एक राह भूली swee2 जब से देखा तुम्हे, तुम्ही बता दो के ऐसे में कैसे घर जायें..!!

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