Hindi Shayari

Posted On: 11-02-2019

किसी के हाथ का कंगन खनक ना भूल बैठा है कोई सिंगार करके भी महकना भूल बैठा है चले आए हो जब से छोड़कर तन्हा किसी को तुम अब उसके सर के आंचल भी सरकना ना भूल बैठा है

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