संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु

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संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु

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दोस्तों, क्या आपको पता है की इस संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु क्या है? और क्या वो आपके भी पास भी है?  और अगर है तो क्या आप उसका प्रयोग करना जानते हैं?

आइये इस कहानी के माध्यम से इन बातों को समझते हैं:


 
एक दिन गुरुकुल के शिष्यों में इस बात पर बहस छिड़ गयी कि आखिर इस संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु क्या है ? कोई कुछ कहता, तो कोई कुछ…जब पारस्परिक विवाद का कोई निर्णय ना निकला तो फिर सभी शिष्य गुरुजी के पास पहुँचे।

Hindi Story on Power of Tongue

सबसे पहले गुरूजी ने उन सभी शिष्यों की बातों को सुना और कुछ सोचने के बाद बोले-

तुम सबों की बुद्धि ख़राब हो गयी है! क्या ये अनाप-शनाप निरर्थक प्रश्न कर रहे हो?

इतना कहकर वे वहां से चले गए।

हमेशा शांत स्वाभाव रहने वाले गुरु जी से ने किसी ने इस प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की थी। सभी शिष्य क्रोधित हो उठे और आपस में गुरु जी के इस व्यवहार की आलोचना करने लगे।


 
अभी वे आलोचना कर ही रहे थे कि तभी गुरु जी उनके समक्ष पहुंचे और बोले-

 मुझे तुम सब पर गर्व है, तुम लोग अपना एक भी क्षण व्यर्थ नहीं करते और अवकाश के समय भी ज्ञान चर्चा किया करते हो।

गुरु जी से प्रसंशा के बोल सुनकर शिष्य गदगद हो गए, उनका स्वाभिमान जागृत हो गया और सभी के चेहरे खिल उठे।

गुरूजी ने फिर अपने उन सभी शिष्यों को समझाते हुए कहा –

“मेरे प्यारे शिष्यों! आज ज़रूर आप लोगों को मेरा व्यवहार कुछ विचित्र ला होगा…दरअसल, मैंने ऐसा जानबूझ आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए किया था।

देखिये, जब मैंने आपके प्रश्न के बदले में आपको भला-बुरा कहा तो आप सभी क्रोधित हो उठे और मेरी आलोचना करने लगे, लेकिन जब मैंने आपकी प्रसंशा की तो आप सब प्रसन्न हो उठे….पुत्रों, संसार में वाणी से बढकर दूसरी कोई शक्तिशाली वस्तु नहीं है। वाणी से ही मित्र को शत्रु और शत्रु को भी मित्र बनाया जा सकता है। ऐसी शक्तिशाली वस्तु का प्रयोग प्रत्येक व्यक्ति को सोच समझ कर करना चाहिए। वाणी का माधुर्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। गुरूजी की बातें सुनकर शिष्यगण संतुष्ट होकर लौट आए और उस दिन से मीठा बोलने का अभ्यास करने लगे।



Friends,  हमारी बोली या हमारी वाणी बेहद शक्तिशाली होती है, ज़रुरत है इसका सही प्रयोग करने की। यदि हम अपनी बोली अच्छी रखते हैं और अपनी बात बिना औरों को ठेस पहुंचाए हुए कहते हैं तो ये हमारे व्यतित्व को संवारता है और हमें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाता है। वहीँ अगर हम normal बात भी disrespect या क्रोध के साथ कहते हैं तो ना हम ठीक से अपना message convey कर पाते हैं और ना ही दूसरों के हृदय में अपने लिए कोई जगह बना पाते हैं। अतः हमें हेमशा सही शब्दों और सही लहजे का चुनाव करना चाहिए!