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School से लेकर hospital तक सबको privata पसंद है बस लड़का सरकारी नौकरी वाला चाहिए
.लुट लेना या लुट जाना। ...... यही तो पहचान है......... कौन देखता है मुहब्बत में नफ़ा है की नुक़सान है........
ज़ख़्म झेले दाग़ भी खाए बहुत दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत!!
मौत को तो यूही बदनाम करते ह लोग.. तकलीफ तो जिंदगी देती है।
कभी हम भी झूमेंगे मौज में, पर अभी वक्त स्थिर रहने का है। कभी हम भी देखेंगे दुनिया पूरी, पर अभी वक्त दुनिया को दिखाने का है। इच्छाएं तो अनंत होती है सभी की, पर अभी वक्त सपनों को पूरा करने का है। जीना चाहता है काई बार दिल जवानी के पालो को, पर अभी वक्त बाकी के जीवन के लिए कुछ करने का है|
लड़की अपने ब्वॉयफ्रेंड को अपनी मम्मी से मिलवाने ले गई...! दूसरे दिन... गर्लफ्रेंड - मेरी मम्मी को तुम बहुत पसंद आए...! ब्वॉयफ्रेंड - चल पगली....कुछ भी हो, मैं शादी तो तुमसे ही करूंगा...! मम्मी से बोलना मुझे भूल जाएं...!
याद तो मेरी सबको आती है , पर सिर्फ जरूरत पड़ने पर....✍️ ~जख्मी बंदा
खुली आंखों में राते गई , और यादों में गए दिन, कैसे बताऊ दोस्तों , के जी रहा हूं अपनों के बिन.... 📝 ~भाई का छोटा भाई
मुझे रुलाने की कोशिश ना कर ऐ ज़िन्दगी, मुझे चुप कराने वाला कोई नही है..... 📝 ~भाई का छोटा भाई
मोहबत-ए-जिदगीं के कुछ यूं सिलसिले हूए , हम उनके ओर वो किसी ओर के हूऐ| K.s
andaaz badal jata hai baatein krne ka , jbb vo baat nhi krna chahte , khud bola lein to thik hai fir. varna hum bhi kisi ko aise nhi bulate.
फिदरते-ए-इंसान जहाँ जीवन का सम्मान है वहाँ इंसानियत का नाम है क्या रखा है फिजूल के झगड़ो में जब सादगी में भगवान हैं।।
Waqt ....ki baat hai
Had se zyada khushi ,Had se zyada gam kisi ko mat batao!! Kuki zindagi me log hadse zyada khushi pe nazar zaroor lagaate hai Lavi Ahmad Khan L/Z
न मालूम राहें कौन सी थी किधर किधर गया हूँ मैं बच के चला तौहमतों से अपनी नज़रों में गिर गया हूँ मैं रास्ते बड़े कठिन हैं सुनता आया हूँ मैं ज़मानों से पर पसार उड़ चला हूँ बात करता हूँ आसमानों से कबूतरों सी रही उड़ान मेरी बाजों से घिर गया हूँ मैं बच के चला तौहमतों से अपनी नज़रों में गिर गया हूँ मैं
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