अपना एक ही सपना है, मां-बाप का सपना पूरा करना.....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
मुस्कुराते चाँद को ताकना होगा , आज फिर रात भर जागना होगा....✍️ *#क्या सोच रहे हो कमीनो duty है मेरी* ~~भाई का छोटा भाई~
अंदर ही अंदर मेरे दोस्त को फिक्र खाए जा रहा है, वो टूट कर भी अपनी मोहब्बत को चाह रहा हैं....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
कोई मुझे बताएगा क्या कहना है, दुनिया मुझसे पूछती है दुखी क्यू है....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
अपनों के "साजिश" पे शर्मिंदा हूं , गैरों की तस्सली से अभी मैं जिंदा हूं....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
दिनांक02/02/2021 मंगलवार ~भाई का छोटा भाई Dear god मै आपको चिट्ठी लिखना तो नही चाहता था लेकिन जिंदगी की ऐसी लगी पड़ी है कि लिखने पर मजबूर कर दिया,मै उम्मीद करता हू कि स्वर्ग लोक मे आप मजे से होगे,वही मजा थोड़ा धरती वासी को भी दे दीजिए,यहा काफी तक़लीफ़ में जीवन काट रहा है सोचता कुछ हूँ होता कुछ है....📝
मुझे लगता था मैं जिंदगी काट रहा हूँ , अब पता चला जिंदगी मेरा काट रही है...✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए बुरे बन गए, जिनको मैं अपना समझता था उनके ही नजरों में गिर गए..... ✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
दोस्ती मैंने कुछ इस कदर निभाई , कि अपनों के ही नजरों में गिर😭गया भाई....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
बुलाता हूँ, मगर आती नही है...📝 ~~भाई का छोटा भाई
पता चला है सिगरेट का नशा करता है, यार मेरा दूसरी दुकान में जाकर वफा करता है , सिगरेट छुप छुप के पीने वाले वे दिन चले गए , मेरा दोस्त अब सबके सामने नशा करता है....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
आप अपना दुःख दिखाने लग गए , हम बेबस होके ठिकाने लग गए...✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
रजाई एक नशा है , और मैं इस वक्त नशे में हूं....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
आस्मां अपना है यारों ये ज़मीं है मेरी , किस्मत में बस यही छोटी सी कमी है मेरी , लोग खिलाफ़ है मेरे तो खिलाफ़ रहने दो , ज़िंदा हूँ तो मुखालफ़त भी लाज़मी है मेरी , कोई आकर दिलासा देदे मुझे कि आज , दिल उदास है और आंखों में नमी है मेरी , जिम्मेदारियों के कारण आज घर से दूर हूं , तो भाई फ़ोन करता है कि कमी है मेरी , परिवार व मां बाप की याद आती है , तो आंखें नम हो जाती है मेरी , क्या करूं रखवाला हूं सरहद का मै, इसीलिए तो मां के पास कमी है मेरी , मेरी जन्म देने वाली मां को मेरे भाई संभाल लेगे, पर जब से सरहद पर आया हूं तो पहले धरती मां है मेरी , क्या करूं मुझे भी अपनी जननी मां की याद आती है , रो देती होगी मेरी मां जब उसको महसूस होती होगी कमी मेरी , कैसे कहूं मां की सबसे पहले है , यह भारत की जमी मेरी, पापा का फोन आया बोले वहां बहुत सर्दी होगी क्योंकि वहां है तू रेत में , मैंने कहा पापा इतनी सर्दी नहीं जितनी वहा पानी लगाते समय रहती है खेत में, इस कविता में मैंने अपनी और परिवार वालों ने मेरी कमी बताई , यह कविता लिखने वाला मै भाई का छोटा भाई....✍️
मत मारो मुझे लट्ठ मै पहले से एक दुखी इंसान हूं , मेरी लट्ठ खाने कि वजह यही हैं कि मैं एक किसान हूं....✍️ ~~भाई का छोटा भाई~
chandni is offline
Pradeep is offline
Awdhesh is offline
MD is offline
Ayaz is offline
Shashank is offline
jyotish is offline
Dhirendra is offline
Brandekitels is offline
Rakesh is offline
Sunil is offline
DanielRet585868684 is offline
raaz is offline
Luzibip is offline
Please Login or Sign Up to write your book.