बंगाल पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता, कोलकाता-नंदीग्राम में राकेश टिकैत की रैलियां ।
एक सैनिक ने क्या खूब कहा है... किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ। जय हिन्द.
कैसे कह दूँ की सरकार गुनाहगार नहीं है...क़ातिल है मगर हाथों मे तलवार नहीं है कितने घरों के चिराग बुझ गये एक पल में...ऐसे जुर्म पे भी हुकूमत शर्मसार नहीं है।
धरती में होगी हरियाली | जीवन में होगी खुश हाली || पेड़ पौधे लगाइये | धरती को सुरक्षित करिये ||
शश्य-श्यामल फसलों को खेतों में लहराते-झूमते हुए? देखा है तुमने, अलमस्त हवा के झोंकों को फसलों का सिर चूमते हुए? देखा है ...
मेरी नज़रों को ऐसी खुदाई दे जिधर भी देखूँ मेरा वतन दिखाई दे..... हवा की हो कुछ ऐसी मेहरबानियाँ बोलू जो जय हिन्द तो सारी दुनिया को सुनाई दे...... स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
भारत कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है . जीत जगता राष्ट्र पुरुष है अभिनन्दन की भूमि है , अर्पण की भूमि है यहाँ की हर नदी हमारे लिए गंगा है , हर कंकर में शंकर है जियेंगे तो इस देश के लिए और मरेंगे तो इस देश के लिए ..... जय हिन्द जय भारत .
जिंदगी जब तुझको समझा, मौत फिर क्या चीज है ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी। जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी।।
Nahi Parwaah Mainu Faansi Di, Watan Layi Marna Dharam Mera, Bharat Mata Azaad Ae Karauni… Aes Bina Nahin Koi Karam Mera!
जिसने शाहजहाँ और औरंगजेब को उनकी नानी याद दिलाई थी वो मराठा वीर शिवाजी थे, जिसने मुगलों की चूलें हिलाई थी उस भगवा ध्वज वाहक में गजब की रवानी थी………………………………….. जिसने हर हिन्दुस्तानी के दिल में फिर, देशभक्ति की आग जलाई थी………………….
अकबर तो था आक्रमणकारी, उसे महान मत बतलाओ वीर प्रताप के गुण गाओ……… महाराणा के स्वाभिमान को मत भूल जाओ अकबर को महान बताना मक्कारी है, गद्दारी है……….. अपना प्रताप लाखों अकबरों पर अकेले भारी है……………….
देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है…….. भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है………………….
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं…………………………
arun is online
gulab is online
rehan is online
Shivansh is online
Mahipal is online
Sonu is offline
Musab is offline
Laden is offline
bharat is offline
Dileep is offline
Munna is offline
Rahul is offline
geeta is offline
kamal is offline
vishav is offline
Please Login or Sign Up to write your book.