Bulbulo ke Pankho mein bandhe hue kabhi Baaz nahi rehte Buzdilo aur Kayaro ke Haath Kabhi Raaz Nahi Rehte Ser Jhuka ke Chalne ki aadat pad jaaye jis Insaan Ko Us Insaan ke Ser Per Kabhi Taaj Naahi Rehte
बीज बो दो फूल खिलकर चमन को बहार देंगे और दिशा दे दो ये नौजवान मिलकर राष्ट्र को सवार देंगे
दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हाँ से भर गए जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए जब से मिला है साथ मुझे आप का हुज़ूर सब ख़्वाब ज़िंदगी के हमारे सँवर गए
आदमी होना ख़ुदा होने से बेहतर काम है ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाब की ताबीर बन कर देख ले अपने ही आप से इस तरह हुए हैं रुख़्सत साँस को छोड़ दिया जिस सम्त भी जाना चाहे
उम्र की राह में जज्बात बदल जाते है। वक़्त की आंधी में हालात बदल जाते है सोचता हूं काम कर-कर के रिकॉर्ड तोड़ दूं। कमबख्त सैलेरी देख के ख्यालात बदल जाते हैं
Teri Nazar Me Jane Main Kaisa Banda Hun Aaina Tu Hi Hai Surat Niharne Ke Liye
Ye Dard Ka Bhanwar Dooba Na De Mujhko De Apna Hath Badha Apne Deewane Ke Liye
Kayi Jazbat Hain Tumko Batane Ke Liye Par Taraste Hain Teri Jhalak Pane Ke Liye
आखिर किसी मुकाम पर मेरे मंजिल का निशां होगा तेरी ऊंगली थामे बिना वहां तक चल नहीं पाएंगे
बरसात के मौसम में शराबें तो पी ली हमने क्या खबर थी भीगकर हम नशे में रह नहीं पाएंगे
arun is online
gulab is online
rehan is online
Shivansh is online
Mahipal is online
Sonu is offline
Musab is offline
Laden is offline
bharat is offline
Dileep is offline
Munna is offline
Rahul is offline
geeta is offline
kamal is offline
vishav is offline
Please Login or Sign Up to write your book.