तुम्हारे साथ आजकल यूँ हर जगह रहता हूँ मैं, हद से ज्यादा सोचूं तुम्हें बस यहीं सोचता हूँ मैं।
पता नहीं हमारे दरमियान यह कौन सा रिश्ता है, लगता है कि सालों पुराना अधूरा कोई किस्सा है।
दिल के हर कोने में बसाया है आपको, अपनी यादों में हर पल सजाया है आपको, यकीं न हो तो मेरी अॉखों में देख लीजिये, अपने अश्कों में भी छुपाया है आपको।
यूँ हर पल हमें सताया न कीजिये, यूँ हमारे दिल को तड़पाया न कीजिये, क्या पता कल हम हों न हों इस जहॉ में, यूँ नजरें हमसे आप चुराया न कीजिये ।
तुम्हारे प्यार का रोग नहीं जाता कसम ले लो, गले में डाल कर मैंने सैकड़ों ताबीज़ देखे हैं।
सच्ची मोहब्बत मिलना भी तकदीर होती है, बहुत कम लोगों के हाथों में ये लकीर होती है।
चाहे सारे जहान मिट जाएं, इश्क मिटता नहीं मिटाने से।
जब अपना तुम्हें बना ही लिया, कौन डरता है फिर ज़माने से, तुम भी दुनिया से दुश्मनी ले लो, दोनों मिल जाएं इस बहाने से।
दिल तड़पता है इक ज़माने से, आ भी जाओ किसी बहाने से, बन गये दोस्त भी मेरे दुश्मन, इक तुम्हारे क़रीब आने से।
ऐ सनम मैं तेरे लिए बदनाम हो जाऊं, तू अपनी ओर खींचे वो लगाम हो जाऊं, किसी और मंजिल की चाह नहीं मुझको, सिर्फ तेरी ही गलियों में गुमनाम हो जाऊं।
दिल में छुपी यादों में संवारूँ तुझको, तू दिखे तो आँखों में उतारूँ तुझको, तेरे नाम को लव पर ऐसे सजाया है, सो भी जाऊं तो ख्वाबों में पुकारूँ तुझको।
मुझे खींच ही लेती है हर बार उसकी मोहब्बत, वरना बहुत बार मिला हूँ आखिरी बार उससे।
तूने मोहब्बत, मोहब्बत से ज्यादा की थी, मैंने मोहब्बत तुझसे भी ज्यादा की थी, अब किसे कहोगे मोहब्बत की इन्तेहाँ, हमने शुरुआत ही इन्तेहाँ से ज्यादा की थी।
गिला भी तुझ से बहुत है, मगर मोहब्बत भी, वो बात अपनी जगह है, ये बात अपनी जगह।
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से, तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से।
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