चाह कर भी मजबूर हैं हम, कैसे बताए क्यूँ दूर है हम
तुम्हारी खुशी के ठिकाने सौ होगे मग़र हमारी बेचैनी की वजह सिर्फ तुम
फर्क सिर्फ इतना ही है तुम्हारी और हमारी रातों में, तुम सोकर गुज़रते है और हम रोकर
हमारी सादगी ने बर्बाद किया हमे, लुटा भी उन्होंने जो अपना कहते थे हमे
यू तो बहुत जख्म थे मेरे दिल में, मग़र उसके दर्द ने दिल को चूर-चूर कर दिया
उनसे क्यूँ मिलवाता है ये रब, जो हमारी किस्मत में नही होते
मैंने सुना बहुत रोया वो मेरा नाम सुनकर, हाय, मेरा हाल सुनकर क्या हाल करेगा
हम नाराज नही है तुमसे, पर हाँ दिल दुखा है मेरा
मैं तुझे पा तो सकता था लेकिन, ये जो मेरा खुदा है न ये मुझसे meri हर प्यारी चीज़ छिन लेता है
हमने जिसे चाहा उसने चाहा किसी और को, खुदा करे जिसे वो चाहे वो भी चाहे किसी और को
Bappu to wo anmol khajana h jiski koi kimat ni hotti, Chatti ne lan ka jee to bot kre h pr kde himmat ni hotti
ए दिल तू क्यूँ रोता है, ये दुनिया है यहां ऐसा ही होता है
कि वो meri तरह तुझे पुकारता है क्या, इंतजार में शामें गुज़रता है क्या, माना रखता है वो तुझ पर नजर, Meri तरह तेरी नजर उतरता है क्या
पतझड़ में पत्ते गिरते हैं, नजर से गिरने का कोई मौसम नही होता
वो जिस दिन याद करेगा meri मोहब्बत को, वो रोयेंगे बहुत फिर से मेरा होने के लिए
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