उदासियों की वजह तो पर बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है… बहुत है जिंदगी में,
अक्सर वही दीए हाथों को जला देते हैं, जिसको हम हवा से बचा रहे होते हैं!
जिसे "मैं" की हवा लगी उसे फिर ना दवा लगी ना दुआ लगी
कभी-कभी इंसान सच में थक जाता है; खामोश रहते-रहते, दर्द सहते सहते; सब्र करते-करते, उम्मीदें रखते रखते; रिश्ते निभाते निभाते, सफाईयां देते देते; और अपनों को मनाते मनाते..!!
कौन लिखता है शायरी यहां like की चाहत में... यहां तो सुकून बरसता है... जब कोई एहसासों को पड़ता है..!!
यह जिंदगी है जनाब कई रंग दिखाएगी, कभी हँसायेगी कभी रुलाएगी, जो खामोशी से सह गया वो निखर जाएगा, और जो भावनाओं में बह गया वह बिखर जाएगा..!!
वक्त आने पर सब अपना रंग दिखा गए, कुछ लोग इतने भूखे थे कि मेरी खुशियां भी खा गए..!!
सारा जहां उसी का है, जो मुस्कुराना जानता है रोशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है हर जगह मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे है। लेकीन इश्वर तो उसीका है जो “सर” झुकाना जानता है…!!
अहम की अकड़ ज्यादा चल नहीं सकती, मौत की घड़ी कभी टाल नहीं सकती, लूट की दौलत भले ही जमा कर दो, पाप की कमाई कभी फल नहीं सकती!
सोच समझकर खोला करो राज अपने दिल के, खुद के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता...
मीठे बोल बोलिए क्योंकि अल्फाजों में जान होती है, इन्हीं से आरती, अरदास, अजान, होती है, ये दिल के समंदर के वो मोती है "दोस्तों" जिनसे इंसान की पहचान होती है!!
इंसान वही श्रेष्ठ है, जो बुरी स्थिति में फिसले नहीं, एवं अच्छी स्थिति में उछले नहीं!!
प्रेम अस्तित्व की ध्वनि है, जब मनुष्य के सारे अहंकार सारे विचार, सब शांत हो जाते हैं और गहन मौन होता है, तो उस मौन के भीतरी सन्नाटे में, जो ध्वनि सुनाई देती है उसका नाम प्रेम है!!
लोग अफसोस से कहते हैं कि कोई किसी का नहीं, और "खुद" खुद से पूछना भूल जाते हैं कि हम किसके हैं!
पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से… और…. जीता हुआ भी हार जाते है, अहंकार से…!!
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